चंद्रयान 3 के
चंद्रयान 3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा तैयार किया गया था जो भारत की तृतीय चंद्रयान मिशन था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर गाड़ी रखकर चंद्र मंदल का अध्ययन करना था। यह मिशन चंद्रयान 2 के बाद आयोजित हुआ था, जिसमें संधिबद्ध यान Vikram चंद्रमा के उच्च जीर्णोद्धार के लिए भेजा गया था।
चंद्रयान 3 का लक्ष्य उपग्रह निर्माण कर चंद्र मंदल की सतह पर प्रक्षेपण करना था। उपग्रह में प्रमुख यान Vikram, जिसमें रोवर Pragyan समेत होता। विक्रम चंद्रमा के सतह पर सांय ग्यारहवें सितंबर 2019 को संपर्क खो गया था। यह रोवर, चंद्रमंडल में मौजूद उच्च जीर्णोद्धारी भूभागों का अध्ययन करने के लिए आविष्कार करने का मुख्य उद्देश्य रखता था
चंद्रयान 3 भारत की अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने इसरो को विश्व में प्रगति का एक बड़ा प्रमाण दिया। यह मिशन भारत की वैज्ञानिक समृद्धि, तकनीकी क्षमता और अंतरिक्ष अनुसंधान में उच्च स्तर की प्रशंसा प्राप्त करने में मदद करा। इसके अलावा, चंद्रयान 3 ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान का प्रतिष्ठान किया और भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमता को दुनिया में प्रमाणित किया।
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